एप्रैम के पहाड़ी देश के रामतैम सोपीम नाम नगर का निवासी एल्काना नाम पुरूष था, वह एप्रेमी था, और सूप के पुत्र तोहू का परपोता, एलीहू का पोता, और यरोहाम का पुत्र था।
वह पुरूष प्रति वर्ष अपने नगर से सेनाओं के यहोवा को दण्डवत करने और मेलबलि चढ़ाने के लिये शीलो में जाता था; और वहां होप्नी और पीनहास नाम एली के दोनों पुत्र रहते थे, जो यहोवा के याजक थे।
इसलिये उसके पति एल्काना ने उस से कहा, हे हन्ना, तू क्यों रोती है? और खाना क्यों नहीं खाती? और मेरा मन क्यों उदास है? क्या तेरे लिये मैं दस बेटों से भी अच्छा नहीं हूं?
और उसने यह मन्नत मानी, कि हे सेनाओं के यहोवा, यदि तू अपनी दासी के दु:ख पर सचमुच दृष्टि करे, और मेरी सुधि ले, और अपनी दासी को भूल न जाए, और अपनी दासी को पुत्र दे, तो मैं उसे उसके जीवन भर के लिये यहोवा को अर्पण करूंगी, और उसके सिर पर छुरा फिरने न पाएगा।
उसके पति एलकाना ने उस से कहा, जो तुझे भला लगे वही कर, जब तक तू उसका दूध न छुड़ाए तब तक यहीं ठहरी रह; केवल इतना हो कि यहोवा अपना वचन पूरा करे। इसलिये वह स्त्री वहीं घर पर रह गई और अपने पुत्र के दूध छुटने के समय तक उसको पिलाती रही।
जब उसने उसका दूध छुड़ाया तब वह उसको संग ले गई, और तीन बछड़े, और एपा भर आटा, और कुप्पी भर दाखमधु भी ले गई, और उस लड़के को शीलो में यहोवा के भवन में पहुंचा दिया; उस समय वह लड़का ही था।